कलम हाथ में आकर बोली कुछ लिख दे।
फिर मैंने सोचा क्या लिखूं आज कुछ खास।
रंजिश लिखूं तो कुछ फायदा नहीं है।
फिर दिल ने कहा चल मुहब्बत लिख दे।।
©2012 अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
17/12/2012
हिंदी शायरी By Rawatji
हिंदी शायरी By Anoop Rawat
सुना है इश्क समुंदर की तरह गहरा होता है।
न जाने हम कब उसमें गोते लगायेंगे।
©2012 अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”
हिंदी शायरी By Rawatji
प्रेम का रोग भी बड़ा अजीब है
देखता न अमीर न गरीब है.
चाहे कितने भी पहरे लगा लो,
प्रेमी एक दूजे के सदा करीब हैं.
© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
Date: 03-09-2012
देखता न अमीर न गरीब है.
चाहे कितने भी पहरे लगा लो,
प्रेमी एक दूजे के सदा करीब हैं.
© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
Date: 03-09-2012
जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त है
जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त है
सरकार घोटालों में व्यस्त है
जनता बीमारियों से ग्रस्त है
पर सारे नेता लोग स्वस्थ हैं
महंगाई भी देखो बड़ी मस्त है
गरीबों की हालत बड़ी पस्त है
सरकार जनता को वादों की
लगा रही बार-२ बस गश्त है
जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त है
सरकार घोटालों में व्यस्त है
© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - २७-०९-२०१२
Subscribe to:
Posts (Atom)