08/10/2013

हिंदी शायरी

तुझसे अच्छी तो तेरी याद है।
मुझसे रूबरू होने तो आती है!!!

- अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"

हिंदी शायरी

चाहकर भी तुझसे दूर नहीं जा पाते.
तेरा इश्क तेरी ओर खींच लाता है...

- गढ़वाली इंडियन

28/08/2013

रावत बोल वचन – भाग १

चीखकर न खुदा मिले, न मिलेगा भगवन ।
पाना है गर उसे, तो निर्मल करले मन ।१।

कर संगत ज्ञानी की, राम नाम तू जपना ।
छोड़ के आदत बुरी, सांच को ले अपना ।२।

प्रेम भी देखो खेल हुआ, हर कोई खेलत जाय ।
बात करें है बड़ी-बड़ी, अंत में हाथ छोड़ जाय ।३।

धन ही सबसे पहले है, चाहे भला ये जग छूटे ।
महिमा इसकी अपार है, सब रिश्ते नाते टूटे ।४।

भांति-भांति के लोग यहाँ, जाति धर्म अनेक ।
अनूप कहे सबसे इतना, मानवता ही नेक ।५।

बिन नारी के सून है, ये सारा ही संसार ।
एक ही जन्म में धरे, देख ले रूप अपार ।६।

आँख मूंदकर यूं इंसान को, न तू भगवन मान ।
ढोंगी को मान देकर, प्रभु का न कर अपमान ।७।

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – २७-०८-२०१३ (इंदिरापुरम)

12/08/2013

हिंदी शायरी - अनूप रावत

उन्हें देखकर यूं लगा,
जैसे जन्नत मिल गयी.
मांगी थी जो मन्नत,
आज वो पूरी हो गयी..

© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - १२-०८-२०१३ (इंदिरापुरम)

10/08/2013

हिंदी शायरी - अनूप रावत

यूँ न देख हमें इन नशीली आँखों से.
कहीं तेरे इश्क का नशा न हो जाए...

- अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
Date - 10-08-2013

15/07/2013

हिंदी शायरी - ASR

तेरी याद चैन से जीने भी नहीं देती.
और एक तू है जो लौट के न आई...

- अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"

10/07/2013

Hindi Shayari - Anoop Rawat

तेरे इश्क में इतना खो गया हूँ,
कि अब जहां की खबर तक नहीं.
तू कर यकीं या न कर ए सनम,
रब से तेरे सिवा कुछ मांगू नहीं...

© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (१०-०७-२०१३)

25/03/2013

आयो रे होरी

फाल्गुन लागो, आयो रे होरी।
खेलन आयो रे तू संग होरी।।

मैं कान्हा तेरो, तू राधा मोरी।
भूल न जाना तू ओरे गोरी।।

अबीर गुलाल भर पिचकारी।
रंग दूंगा तुझको ओरे दुलारी।।

सखियाँ भी होंगी संग तोरी।
प्रीत है ये तो ना कोई चोरी।।

आवत जावत रंगियो तू गोरी।
जी भर खेलें आज संग होरी।।

रंग बिरंगे फूलों की ओरे छोरी।
महके का आंगन, घर, मोरी।।

फाल्गुन लागो, आयो रे होरी।
खेलन आयो रे तू संग होरी।।

©अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक 25-03-2013 (इंदिरापुरम)

20/03/2013

हिंदी शायरी - अनूप रावत

इश्क करके तो देख हमसे,
इक नई प्रेम कहानी लिख दें...

©2013 अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"

16/03/2013

हिंदी शायरी - अनूप रावत

वो अजनबी जाने क्यों अपना लगता है।
ये दिल उसके लिए जाने क्यों धडकता है।
न जाने कौन सा रिश्ता है हमारा उनसे,
कि हरदम वो मेरे खयालों में रहता है।।

©2013 अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”

11/03/2013

हिंदी कविता - गलती

क्या सही क्या गलत जहां में,
ऐ बंदे बस इतना तू जान ले.
हो अगर भूल से कोई गलती,
मुकरना मत बस तू मान ले..

गलती होना इंसान से लाजमी है,
अक्सर गलती हो भी जाती है.
और मान लो अगर ईमान से,
माफ़ी आसानी से मिल जाती है.

एक गलती को छुपाने के लिए,
झूठ का सहारा मत लेना कभी.
गलती और भी बढती जाएगी,
क्योंकि एक फिर बोलेगा तभी.

गलतियां करना जरूरी भी है,
गलतियां हमेशा कुछ सिखाती है.
सुधारने खुद को मौका दिलाती हैं,
उसे जिंदगी में आगे बढाती है.

जितने भी महान बने दुनिया में,
गलतियों से सीख आगे बढ गए.
पेशकर मिशाल नई सब के लिए,
वे सब जगत में शुमार हो गए.
ठान लें आज हम लोग भी सभी,

न छुपायेंगे अपनी गलतियां कभी.
देखेंगे कहां हो गई गलती हमसे,
सुधार कर उसमें आगे बढ़ेंगे तभी.

© अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक १०-०३-२०१३ (इंदिरापुरम

हिंदी शायरी By Rawatji

प्यार किया आपसे तो,
दुनिया का गुनेहगार हो गया.
मिले जो नयना आपसे तो,
इश्क में गिरफ्तार हो गया.
हर जगह आप ही दिखाई देते हो,
मुझे अब ऐ सनम.
लगता है हमे आपसे,
जहां से ज्यादा प्यार हो गया..

©अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – २५-०२-२०१३ (इंदिरापुरम)

हिंदी शायरी By Rawatji

जिन्दगी की कीमत वो क्या जाने,
जो जिन्दगियां मिटा देते हैं ।
जिन्दगी की कीमत तो उनसे पूछिए,
जो जिन्दगी के लिए खून पसीना एक कर देते हैं ।

©2013 अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”

Hindi Shayari By Rawatji

प्रेम करके हमने क्या पाया है.
बस अपना समय किया जाया है.
इश्क़ किया जिससे ज़हां से ज़्यादा,
उससे हमने बस धोखा खाया है..

©2013 अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”